वर्किंग वुमन हॉस्टल स्कीम यानी कामकाजी महिला छात्रावास योजना का उद्देश्य है कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास आसानी से उपलब्ध कराना |
इस योजना के तहत ग्रामीण, कस्बों और शहरी क्षेत्रों में छात्रावासों का निर्माण किया जाता है जहां पर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं | इस योजना के अंतर्गत छात्रावास भवनों के निर्माण और वर्तमान इमारतों के विस्तार में सहायता प्रदान की जाती है |
भारतीय सरकार ने महिला विकास और सुरक्षा हेतु बहुत सी योजनाएं लागू की हैं | कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास योजना केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी चला रही हैं |
अगर बात महिलाओं की आती है, तो सबसे पहले उनकी सुरक्षा का मामला उठता है | कितनी बार तो लड़कियों या महिलाओं को केवल इसलिए ही विरोध का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनका कार्यक्षेत्र उनके घर से किसी दूर-दराज क्षेत्र में होता है |
अब परिवार की दृष्टि से देखें तो फिक्र अनिवार्य है, क्योंकि महिलाओं की सुरक्षा के मामलों में अभी भी हमारे देश की कानून व्यवस्था कमजोर है | फिर ऊपर से आए दिन बलात्कार की खबरें, ऐसे में डर तो स्वाभाविक हैं |
इस पर सरकार की एक पहल कामकाजी महिला छात्रावास योजना का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक रूप से स्थित आवासों की उपलब्धता को बढ़ावा देना है |
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किसी भी देश के विकास और उन्नति के लिए देश के पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं का भी आर्थिक रूप से मजबूत होना अनिवार्य है | महिलाओं का स्वतंत्र रूप से किसी भी राज्य में अपनी योग्यता और सुविधा के अनुकूल कार्य करना उनका अधिकार है |
आइये जानते है क्या है कामकाजी महिला छात्रावास योजना, उसके उद्देश्य, पात्रता और लाभ?
क्या है कामकाजी महिला छात्रावास योजना?
अगर आप भी कामकाजी महिला हैं और अपने शहर को छोड़कर किसी दूसरे शहर में नौकरी करती हैं या करने की सोच रही है तो आपके लिए कामकाजी महिला छात्रावास योजना के बारे में जानना जरूरी है |
भारतीय सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास की शुरूआत की है | इस योजना के तहत ऐसे ग्रामीण, कस्बों और शहरी क्षेत्रों में छात्रावासों का निर्माण किया जाता है, जहां पर महिलाओं के लिए रोजगार व्यवस्थित होते है |
योजना के अंतर्गत छात्रावास भवनों के निर्माण और मौजूदा इमारतों के विस्तार में सहायता प्रदान की जाती है |
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रहने की उचित व्यवस्था न होने की वजह से जो महिलाएं किसी अन्य शहर में नौकरी करने से कतराती थीं, उन्हें अब परेशानी कम होगी |
कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास योजना केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें भी चला रही हैं |
क्या है इस योजना का उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आवास व सुरक्षा दोनों देना है | जहां पर उनके बच्चों की देखभाल की सुविधा और जरुरत की सभी चीजें आसानी से उपलब्ध हो |
गैर सरकारी, शिक्षा और सार्वजनिक संस्थानों में सिंगल, विधवा, तलाकशुदा, विवाहित जिनका परिवार या कोई रिश्तेदार उस शहर में न रहते हों कार्यरत सभी महिलाएं योजना का लाभ ले सकती हैं |
इस योजना के तहत जाति, धर्म, वैवाहिक स्थिति आदि किसी भी प्रकार के भेद-भाव के बिना सभी कामकाजी महिलाओं को आवास उपलब्ध कराया जाएगा |
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क्या है सुविधाएं?
कामकाजी महिलाएं या माताएं अपनी 18 साल से कम उम्र की बेटी व 5 साल की उम्र के बेटे जो अपनी माँ पर निर्भर होते हैं को अपने साथ योजना के तहत आवास स्थान में रख सकती हैं | इसके साथ ही वे डे-केयर जैसी सेवाओं का भी लाभ ले सकती है |
शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं को विशेष प्रावधान दिया जाता है |
क्या है पात्रता?
आवेदक महिला की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए |
महानगरों जैसे बड़े शहरों में आवेदक महिलाओं की प्रतिमाह आय ₹50000 और गाँव, कस्बों व छोटे शहरों में आवेदक महिलाओं की प्रतिमाह आय ₹35000 से अधिक नहीं होनी चाहिए |
यदि किसी महिला का प्रमोशन हो जाता है और उनकी आय निर्धारित आय से बढ़ जाती है तो उन्हें आय बढ़ने के छह माह के भीतर आवास स्थान खाली करना होता है |
किसी भी कामकाजी महिला को 3 साल तक ही छात्रावास में रहने की अनुमति दी जायेगी |
असाधारण मामलों में, जिला महिला कल्याण समिति से लिखित अनुमति प्राप्त कर आवेदक महिलाएं छात्रावास में 3 साल के बाद रह सकती है | बशर्ते विस्तार की अवधि एक बार में 6 महीने से अधिक नहीं होगी |
आवेदक महिला को छात्रावास में 5 साल से अधिक रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी |
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कौन-सी महिलाएं कर सकती है आवेदन?
- इस योजना के तहत सभी कामकाजी महिलाएं चाहें एकल, विवाहित, तलाकशुदा, विधवा हो या जो किसी दूसरे शहर में जाकर नौकरी करती है व अपने परिजनों से दूर हैं, वे सभी आवेदन कर सकती है |
- समाज की सभी वंचित वर्ग की लड़कियां या महिलाएं को विशेष लाभ दिए जाते हैं |
- शारीरिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए इस योजना के तहत सीटें आरक्षित है |
- जो महिलायें किसी नौकरी के लिए प्रशिक्षण ले रही है पर बशर्ते आपके प्रशिक्षण की अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए | यह केवल तब ही संभव है जब कामकाजी महिलाओं को सीटें मिल गई हों बाद में बची हुई सीटें नौकरी के लिए प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओ को दी जाती हैं | प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओ की सीटों की संख्या 30% ही होती है |
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?
- इस योजना में आवेदन के लिए आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि की फोटो कॉपी चाहिए होगी |
- इसके अलावा आप जहां काम करती हैं, वहां के आईडी कार्ड की भी आपको आवश्यकता होगी |
- साथ ही आपको ऑफिस और निजी मोबाइल या टेलिफोन नंबर भी देना होगा |
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