यूपीएससी सिविल सेवा 2021 के फाइनल रिजल्ट के अनुसार इस बार टॉप पाँच में तीन लड़कियों ने कब्जा किया है | श्रुति शर्मा ने जहां सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया है तो वहीं अंकिता अग्रवाल दूसरी टॉपर हैं, और जबकि तीसरे स्थान पर गामिनी सिंगला हैं |
परीक्षा में कुल 685 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिसमें से 508 पुरुष और 177 महिलाएं हैं |
महिलाओं का आंकड़ा भले ही पुरुष अभ्यर्थियों की तुलना में कम हो लेकिन टाॅप तीन में महिलाओं ने जगह बनाकर अपना दबदबा बना लिया है |
यह रिजल्ट करारा जवाब है उस रूढ़िवादी सोच को जो, महिलाओं को केवल घर गृहस्थी संभालने वाली व बौद्धिक रूप से कमतर समझते हैं | यत्र-तत्र महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से सफलता की कहानी तो लिख डाली लेकिन अभी भी समाज में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए न जाने कितने संघर्ष करने बाकी है |
हमारे समाज में आज भी बेटों को घर का चिराग और बेटियों को पराया धन ही कहा जाता है | बेटियों के पाक-शास्त्र में निपुणता का होना उनके सपनों को पंख दे उड़ जाने से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है | उनके रंग रूप और व्यवहार को शादी की कसौटियों पर चढ़ाया जाता है |
एक ओर जहाँ निकहत ज़रीन ने बॉक्सिंग में गोल्ड जीत देश को गौरवान्वित किया तो दूसरी ओर तीन बेटियों ने यूपीएससी सिविल सेवा 2021 में अपनी क्षमता से आयना दिखाया |
देश की हर महिला के लिए सबसे पहले अपनी पहचान बना सम्मान और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना ही प्रथम उद्देश्य होना चाहिए | तभी महिलाओं की स्थिति हर तरह से सुधरेगी और देश के सर्व विकास के लिए रूढ़िवादिता की जंजीरें तोड़ना अवश्यक है |
आइये जानते है टॉप तीन रैंकर के बारे में…
यह भी पढ़ें- हर महिला को सशक्त होने के लिए ये जानना बहुत जरूरी है
सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर श्रुति शर्मा
सिविल सेवा परीक्षा में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की रहने वाली श्रुति शर्मा ने टॉप किया है | उनका परिवार बिजनौर निवासी है |
मार्च, 1997 में श्रुति शर्मा का जन्म बास्टा में हुआ था | उनका बचपन यहीं बीता लेकिन फिर उनके पिता सुनील शर्मा दिल्ली में स्थानांतरित हो गए |
उनकी माँ रचना शर्मा गृहणी हैं और पिता आर्किटेक्ट इंजीनियर हैं | साथ ही उनके पिता बास्टा में बाल ज्ञान निकेतन के नाम से इंटर कॉलेज भी चलाते हैं | उनका छोटा भाई आदित्य शर्मा वर्तमान में अंडर 23 क्रिकेट में यूपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं |
श्रुति शर्मा बचपन से ही होनहार विद्यार्थी रही हैं | उन्होंने अपनी 10वीं से 12वीं तक की शिक्षा सरदार पटेल स्कूल से की |
यूपीएसएसी टॉपर श्रुति शर्मा ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास (ऑनर्स) में ग्रैजुएशन किया है | उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन के लिए प्रवेश लिया लेकिन फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की | साथ ही यूपीएससी की तैयारी करने का मन बना लिया |
श्रुति शर्मा ने जामिया मिलिया इस्लामिया कोचिंग एकेडमी से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की | उन्होंने कभी भी पढ़ाई घंटो के अनुसार नहीं की | लेकिन सिलेबस पर ध्यान रख आधारित किताबें पढ़ना, पिछली परीक्षा के पेपर से तैयारी और अधिक से अधिक अभ्यास उनकी सफलता में सहायक हुए |
श्रुति शर्मा का मानना है कि कितने घंटे कोई पढ़ रहा है यह मायने नहीं रखता है, बल्कि यह मायने रखता है कि कोई कितनी लगन से पढ़ाई कर रहा है, क्योंकि सबकी क्षमता और योग्यता अलग-अलग होती है |
श्रुति शर्मा के माता-पिता, भाई और नानी ने उनका हमेशा पूर्ण सहयोग दिया |
पिछली बार वह एक नंबर से रह गईं थी | इस बार श्रुति शर्मा को परीक्षा में चुने जाने का तो पूरा यकीन था, लेकिन वह प्रथम श्रेणी पर आयेंगी यह उन्होंने सोचा नहीं था |
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रुति शर्मा ने बताया कि रिजल्ट जारी होने पर जब उन्होंने पहले नंबर पर अपना नाम देखा तो उन्हें यकीन नहीं हुआ | उन्होंने कई बार रिजल्ट की पुनः जाँच की जिसके बाद अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी |
श्रुति शर्मा ने अपने एक मॉक इंटरव्यू के वीडियो में बताया कि उन्हें नई चीज़ें सीखने और नये कल्चर के बारे में जानने में रुचि है | उन्हें किताबें पढ़ना पसंद है साथ ही वह सिनेमा की भी शौकीन हैं | उन्हें नई फिल्में देखने का शौक है | उन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है |
श्रुति शर्मा मानती हैं कि यूपीएसएसी में कामयाबी का सफर काफी लंबा रहा | इसमें कड़ी मेहनत के साथ धैर्य की भी जरूरत होती है | साथ ही जिस चीज में आपकी रुचि हो वही करना चाहिए, तभी आपको उससे प्रेरणा मिलेगी |
श्रुति शर्मा प्रशासनिक क्षेत्र में कार्य करने की इच्छुक हैं |
वे अपनी सफलता का श्रेय जामिया मिलिया इस्लामिया आवासीय कोचिंग अकादमी (RCA) को देती हैं |
यह भी पढ़ें- 11 साल की उम्र में किया था अपनी शादी का विरोध, आज बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं
सेकेंड टॉपर अंकिता अग्रवाल
पश्चिम बंगाल में रहने वाली सेकेंड टॉपर अंकिता अग्रवाल मूलत: बिहार के मधेपुरा के बिहारीगंज की हैं |
इनकी प्रारंभिक पढ़ाई बिहारीगंज में ही हुई | इसके बाद उच्च शिक्षा कोलकाता व दिल्ली में प्राप्त की | वर्तमान में उनका परिवार कोलकाता में रहता है | पिता मनोहर अग्रवाल कोलकाता में हार्डवेयर के व्यवसायी हैं |
अंकिता अग्रवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन की हैं | इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली में ही रहकर तैयारी की | अंकिता ने नई दिल्ली के राजिंदर नगर इलाके में स्थित और विख्यात कोचिंग संस्थान से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की थी |
अंकिता अपने पहले ही प्रयास में आईआरएस (Indian Revenue Service) में चुनी गई थीं | अब तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा की दूसरी टॉपर है |
2020 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) अधिकारी अंकिता अग्रवाल वर्तमान में हरियाणा के फरीदाबाद में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (NACIN) में तैनात हैं | अंकिता का कार्यकाल अभी परिवीक्षाधीन है |
सोमवार को परिणाम जारी होने और दूसरी टॉपर बनने के बाद खुशी व्यक्त करते हुए एक मिडिया रिपोर्ट के अनुसार अंकिता अग्रवाल ने कहा कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने के बाद महिला सशक्तीकरण और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए काम करना चाहेंगी |
अंकिता अग्रवाल ने बताया कि मैं परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक से अधिक घंटे देती थी | एक निश्चित संख्या में घंटे लगाने के बजाय, मैंने एक फिक्स रूटीन कार्यक्रम बनाए रखने की कोशिश की |
यह भी पढ़ें- भारत की पहली महिला पायलट जिन्होंने 21 साल की उम्र में 1000 घंटे तक उड़ाया प्लेन
तीसरी रैंकर गामिनी सिंगला
गामिनी सिंगला यूपीएससी परीक्षा 2021 में तीसरी रैंक पर हैं | गामिनी सिंगला चंडीगढ़ की रहने वाली हैं | उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, पीईसी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है |
वह पंजाब के आनंदपुर साहिब में अपने परिवार के साथ रहती हैं |
गामिनी सिंगला के अनुसार, वह 9-10 घंटे की पढ़ाई करती थीं | उन्होंने पटियाला से कोचिंग ली | हालांकि ज्यादातर परीक्षा की तैयारी स्वयं अध्ययन से ही की |
उनके पिता आलोक सिंगला ने परीक्षा की तैयारी में उनकी मदद की | गामिनी सिंगला के माता-पिता हिमाचल प्रदेश सरकार में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी हैं |
एक रिपोर्ट के अपडेट के अनुसार अपने दूसरे प्रयास में सफल होने वाली गामिनी सिंगला (AIR 3) आइएएस बनना चाहती हैं और वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती हैं | गामिनी ने अपनी सफलता पर कहा कि महिलाएं अपनी मेहनत और लगन के चलते चाहें तो कुछ भी हासिल कर सकती हैं |
गामिनी सिंगला ने अपनी इस सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए एक मिडिया रिपोर्ट के अनुसार कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरा सपना पूरा हो गया | मैंने प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का निर्णय लिया था ताकि देश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए काम कर सकूं |
दूसरे प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा पास करने वाली गामिनी सिंगला ने स्वयं अध्ययन के बल पर यह रैंक प्राप्त की | अपनी सफलता का श्रेय वह अपने पिता को देती हैं |
यह भी पढ़ें- क्या नारीवाद पुरूष विरोधी है? नारीवाद का अर्थ क्या है?
आपका क्या विचार है बढ़ती बेटियों के बारे में? कृपया अपने घर की सभी महिलाओं को उचित अवसर और स्वतंत्र वातावरण जरूर दें | कोई भी टिप्पणी निर्धारित करने से पूर्व उनकी लगन, मेहनत और इच्छा का अवश्य मान रखें |
आप अपनी राय हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर सांझा करें |
Jagdisha की ओर से यूपीएससी सिविल सेवा परिक्षा में उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों को ढ़ेरों शुभकामनाएं |
0 टिप्पणियाँ