वैज्ञानिक एन वलारमथी चंद्रयान 3 सहित कई ISRO लॉन्च के काउंटडाउन गिनती के पीछे की आवाज थीं।महिला वैज्ञानिक एन वलारमथी ने अंतिम बार दी थी चंद्रयान – 3 काउंटडाउन को आवाज
14 जुलाई को चंद्रयान – 3 मिशन आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
रॉकेट फायर करने से पहले उलटी गिनती को ही काउंटडाउन कहा जाता है।
यह काउंटडाउन महिला वैज्ञानिक वलारमथी के जीवनकाल का अंतिम काउंटडाउन था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वैज्ञानिक वलारमथी का 2 सितंबर 2023, शनिवार को हार्ट अटैक के कारण देहवास हो गया।
वह भारत के प्रथम रडार इमेजिंग सैटेलाइट RISAT-1 की परियोजना निदेशक थीं।
ISRO, PRO के अनुसार एन वलारमथी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में रेंज ऑपरेशंस प्रोग्राम कार्यालय का हिस्सा थीं।
एन वलारमथी 30 जुलाई को PSLV C56 रॉकेट पर डीएस-एसएआर रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के प्रक्षेपण का भाग थीं।
उन्हें 2 सितंबर को लॉन्च किए गए आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान के सी57 रॉकेट के काउंटडाउन में भी अपनी आवाज देनी थी, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
वर्ष 2015 में एन वलारमथी को अब्दुल कलाम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार पाने वाली वह पहली व्यक्ति थीं।
जीवन परिचय
एन वलारमथी का जन्म 31 जुलाई 1959 में अरियालुर, तमिलनाडु में हुआ। निर्मला कन्या उच्चतम माध्यमिक विद्यालय से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली।
उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। और अन्ना विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
वर्ष 1984 मे एन वलारमथी ISRO के साथ जुड गईं। वह बहुत सी परियोजनाओं जैसे – इन्सैट 2A, आईआरएस आईसी, आईआरएस आईडी, टीईएस का हिस्सा रही हैं।
एन वलारमथी देश की पहली स्वदेशी रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RIS) और देश के दूसरे उपग्रह RISAT-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर रही थीं। जो सफलतापूर्वक 2012 में लॉन्च किया गया था।
ISRO में वह टी. के. अनुराधा, परियोजना निदेशक जीसैट-12-2011 के बाद किसी प्रतिष्ठित परियोजना का नेतृत्व करने वाली दूसरी महिला हैं।
वर्ष 2015 में एन वलारमथी को अब्दुल कलाम पुरस्कार सम्मान मिला। ये पुरस्कार पाने वाली वह पहली महिला थीं। तमिलनाडु सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के सम्मान में यह पुरस्कार शुरू किया गया था।
चंद्रयान -3 लॉन्चिंग में आखिरी बार एन वलारमथी ने काउंटडाउन किया। खराब स्वास्थ्य के कारण चेन्नई के निजी अस्पताल में भर्ती थीं। और 2 सितम्बर 2023, शनिवार की शाम को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया।
ISRO ने 2 सितंबर 2023, को बताया कि प्रज्ञान रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर स्लीप मोड में सेट किया गया है। इसमें लगे दोनों पेलोड APXS और LIBS अब बंद हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के जरिए पृथ्वी तक पहुंचा दिया गया है।
देश के समूचे विकास के लिए हर स्त्री का शिक्षित और ज्ञानवान होना अति अनिवार्य है। एन वलारमथी जैसी महिलाएं प्रेरणा स्रोत हैं। जिनकी सौंदर्य की आभा उनका ज्ञान होता है। आज देश को ऐसी ही महिलाओं की आवश्यकता है।
देश की उन्नति में योगदान देने वाली महान महिला वैज्ञानिक एन वलारमथी को भावभीनी श्रद्धांजलि!
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