देश में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय के एक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म ‘herSTART’ का शुभारंभ किया।
यह गुजरात यूनिवर्सिटी स्टार्टअप एंड एंटरप्रेन्योरशिप काउंसिल (GUSEC) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को सशक्त बनाने में समर्थन देना है।
पिछले तीन वर्षों से, GUSEC वैश्विक बहुपक्षीय संगठन – संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के साथ साझेदारी में महिलाओं और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए एक नवाचार समर्थन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षा और जनजातीय विकास से संबंधित गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का गुजरात विश्वविद्यालय से वर्चुअली उद्घाटन/शिलान्यास भी किया।
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क्या है, herSTART प्लेटफॉर्म?
‘हरस्टार्ट’ प्लेटफॉर्म महिला उद्यमियों के नवाचार और स्टार्ट-अप प्रयासों को बढ़ावा देगा और उन्हें विभिन्न सरकारी और निजी उद्यमों से जुड़ने में भी मदद करेगा।
यह प्लेटफॉर्म इच्छुक महिला उद्यमियों को मुफ्त में संसाधन और प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रदान करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म देगा। इस प्लेटफॉर्म में महिला उद्यमियों के लिए एक डिजिटल समुदाय और उनकी सफलता की कहानियों को फैलाने के लिए एक डिजिटल प्रकाशन भी शामिल होगा।
हरस्टार्ट प्लेटफ़ॉर्म के अंतर्गत, महिला उद्यमियों और नवप्रवर्तनकर्ताओं के लिए एक समर्पित पूर्ण स्टार्टअप इनक्यूबेटर, और हरस्टार्ट एक्सेलेरेटर शामिल है। जो उच्च प्रभाव वाली महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए एक साल भर का गतिशील कार्यक्रम है। दोनों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लॉन्च किया गया था।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्या कहा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें इस तरह के स्टार्टअप अनुकूल विश्वविद्यालय में महिला उद्यमियों को समर्पित एक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है।
साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह मंच न केवल महिला उद्यमियों के नवाचार और स्टार्टअप प्रयासों को बढ़ावा देगा बल्कि महिला उद्यमियों को विभिन्न सरकारी और निजी उद्यमों से जोड़ने में भी एक प्रभावी मंच सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय के परिसर में 450 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं, इसके अलावा महिलाओं के नेतृत्व वाले 125 से अधिक स्टार्टअप को इस विश्वविद्यालय द्वारा सक्रिय रूप से समर्थन दिया जा रहा है।
इसके साथ ही लगभग 15,000 महिला उद्यमी इस पहल के साथ ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप से जुड़ी।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि उन्हें गुजरात में शिक्षा, विशेषकर लड़कियों और आदिवासी शिक्षा से संबंधित सैनिक स्कूल, बालिका साक्षरता आवासीय विद्यालय और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए भी प्रसन्नता हो रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अनुसार विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार में भारत की स्थिति को ओर मजबूत बनाने की आधारशिला का निर्माण स्कूली शिक्षा के माध्यम से किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हाल ही में घोषित ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 में 81वें से 40वें स्थान पर अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।
और राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात ने अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले दो दशकों में राज्य में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की दर 22 प्रतिशत से घटकर 1.37 प्रतिशत हो गई है।
शिक्षक-छात्र अनुपात सुधरकर 40 से 26 हो गया है। आज ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ के माध्यम से लगभग 55,000 स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के सीखने के परिणाम में वृद्धि हो रही है।
उन्होंने कहा कि ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य के लगभग 20,000 स्कूलों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गुजरात ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। 2001-02 में जहां राज्य में कॉलेजों की संख्या 775 थी, जबकि 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 3,100 से अधिक हो गई। उच्च शिक्षा के मूल्यांकन के लिए इस राज्य में भारत की पहली शिक्षा गुणवत्ता और निगरानी सैल, ‘गरिमा सेल’ स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि ‘वन बंधु-कल्याण योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन से आदिवासी समाज की साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस योजना ने जनजातीय छात्रों की बीच में ही स्कूल छोड़ने की दर में भी काफी सुधार हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक राज्य का विकास का अपना मॉडल होता है जो राज्य के संसाधनों और जरूरतों के अनुसार निर्धारित होता है। लेकिन गुजरात ने जिस तरह से संपूर्ण प्रगति की है, उसने अन्य राज्यों को भी समग्र विकास का मार्ग दिखाया है।
उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि यदि सभी राज्य एक-दूसरे से सीखकर और अपने सफल मॉडल को अपनाकर आगे बढ़ते हैं तो भारत ‘अमृत-काल’ के दौरान एक विकसित देश के रूप में अपना स्थान सुरक्षित कर लेगा।
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यूनिसेफ गुजरात के प्रमुख प्रशांत दास का herSTART प्लेटफॉर्म के लिए क्या कहना है?
यूनिसेफ गुजरात के प्रमुख प्रशांत दास ने टिप्पणी की, “यूनिसेफ लैंगिक समानता के लिए प्रतिबद्ध है और भागीदारों के सहयोग से हम महिलाओं और लड़कियों की स्थिति में सुधार के लिए कार्यक्रमों और समर्थन नीतियों को निष्पादित करते हैं।
हरस्टार्ट प्लेटफॉर्म एक ऐसा कार्यक्रम है जो कई लड़कियों और महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने और उद्यमिता के क्षेत्र में अवसरों को खोजने के लिए प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा कि मैं स्टार्टअप विचारों को मजबूत करने के लिए फंड, मेंटरशिप और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर के रूप में महत्वपूर्ण समर्थन के साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं और लड़कियों को यह मंच प्रदान करने के लिए जीयूएसईसी टीम और गुजरात सरकार को बधाई देता हूं।
युवा महिलाओं और पुरुषों के स्टार्टअप में निवेश करना और उनकी शक्ति और क्षमता को उजागर करना न केवल भारत की समृद्धि और विकास की कहानी को आगे बढ़ा सकता है, बल्कि वैश्विक विकास संकेतकों को बदलने की एक विशाल क्षमता भी रखता है।
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