दिग्गज अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ पहली महिला हैं, जो अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री (Chief Economist) बनीं |
उन्हें आईएमएफ की पहली उप प्रबंध निर्देशक (First Deputy Managing Director) बनाया गया है | यह आईएमएफ में दूसरे नंबर का पद है | आईएमएफ के अब तक के इतिहास में यह पद संभालने वाली वह पहली महिला हैं |
उन्होंने कोरोना महामारी के दौर में वैश्विक आर्थिक मंदी दूर करने के लिए असाधारण काम किया |
पूरी दुनिया जब कोरोना के कारण लॉकडाउन में अपने घरो में बंद थी, तब उन्होंने दुनिया को आर्थिक मंदी से बचाने में बड़ी भूमिका निभाई |
कोरोना महामारी पर कैसे नियंत्रण किया जाए और पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करने की दिशा में कैसे बढ़ा जाए, इसकी योजना बनाने में गीता गोपीनाथ ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी |
उनकी कार्यनीति पर ही आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, डब्ल्यूटीओ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक साथ मिलकर बहुपक्षीय कार्य बल ( Multilateral task force) तैयार किया था और वैक्सीन निर्माण से लेकर उसके वितरण की समस्याएं को सुलझाया |
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उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय वित्त और सूक्ष्मअर्थशास्त्र (International Finance and Microeconomics) संबंधित शोधों के लिए भी जाना जाता है | उनके कई अनुसंधान इकोनॉमिक्स जर्नल्स में भी प्रकाशित हो चुके हैं |
व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजारों की समस्याओं पर उन्होंने लगभग 40 शोध-पत्र लिखे हैं |
साल 2019 में गीता गोपीनाथ को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया था | यह भारत सरकार द्वारा भारतीय मूल के विदेशियों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है |
गीता गोपीनाथ कई भाषाएं जानती हैं जिनमें प्रमुख हैं हिंदी, अंग्रेजी, अमेरिकी अंग्रेजी, कन्नड़, मलयाली, आदि | वह ईश्वर में विश्वास रखती हैं और उनकी भारतीय संस्कृति में पूर्ण आस्था है |
आइये जानते है गीता गोपीनाथ का 7वीं कक्षा में 45% नंबर लाने से लेकर आईएमएफ के नंबर दो पद का सफर…
प्रारंभिक जीवन
भारतीय मूल की अमेरिकी गीता गोपीनाथ का जन्म 8 दिसंबर 1971 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था | उनके माता-पिता मूल रूप से कन्नूर, केरल के रहने वाले थे |
वह दो बहनों में छोटी हैं, उनकी बड़ी बहन का नाम अनीता गोपीनाथ है |
वे कर्नाटक के मैसूर में पली-बढ़ी | उनके पिता टी. वी गोपीनाथ एक किसान और उद्यमी है | उनकी माँ वी. सी. विजयलक्ष्मी उद्यमी है, जो प्ले स्कूल चलाती हैं |
साल 1980 में उनके माता-पिता मैसूर, कर्नाटक में ही बस गये थे | उस समय गीता गोपीनाथ की उम्र नौ साल की थी | उनके माता-पिता ने मैसूर के निर्मला कॉन्वेंट स्कूल में कक्षा चार में उनका दाखिला कराया, और यही से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की |
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चौथी कक्षा में आये थे 45% मार्क्स
वर्तमान में अमेरिका निवासी गीता गोपीनाथ चौथी कक्षा तक पढ़ाई- लिखाई के मामले में ज्यादा अच्छी नहीं थी |
उनके पिता गोपीनाथ ने द वीक (The Week) को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘सातवीं कक्षा तक तो गीता के महज 45% नंबर ही आते थे | लेकिन इसके बाद वह पढ़ाई में अच्छी होती गईं और 90% तक नंबर लाने लगी |’
शिक्षा
स्कूल के बाद गीता गोपीनाथ ने मैसूर में महाराजा पीयू कॉलेज से साइंस की पढ़ाई की | उनके नंबर अच्छे आए थे और वह इंजीनियरिंग या मेडिकल क्षेत्र को चुन सकती थीं | लेकिन उन्होंने इकनॉमिक्स में बी.ए. ऑनर्स करने का निर्णय लिया |
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की शिक्षा ली | उन्होंने 1992 में बी.ए. ऑनर्स की डिग्री ली | और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही पोस्टग्रेजुएशन की |
इसके बाद 1994 में वह वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं | वहाँ 1996-2001 में उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की |
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करियर
गीता गोपीनाथ साल 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत रहीं | इसके बाद वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर जुड़ी |
2010 तक वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के पद पर बनी रहीं | फिर उन्हें वहाँ प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया गया |
गीता गोपीनाथ, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र की जॉन ज्वानस्ट्रा प्रोफेसर पद को धारण करने वाली पहली महिला हैं |
साल 2015 में वह इंटरनेशनल स्टडीज एंड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हुईं |
21 जुलाई 2016 को, अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को केरल के मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था |
साल 2018 में, वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री बनी |
गीता गोपीनाथ आईएमएफ के इस मत्वपूर्ण पद पर नियुक्त होने वाली दूसरी भारतीय हैं | इनसे पहले रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के भूतपूर्व गवर्नर श्री रघुराम राजन भी आईएफएम के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं |
वह अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू की संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च (NBER) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड माइक्रो इकोनॉमिक्स की सह-निदेशक भी रह चुकी हैं |
उनकी कार्यदक्षता का ही परिणाम है जो गीता गोपीनाथ को आईएमएफ अनुसंधान विभाग के आर्थिक सलाहकार और निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया |
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को जनवरी 2022 में संगठन की पहली उप प्रबंध निदेशक (FDMD) के रूप में पदोन्नत किया गया है |
उन्होंने जेफ्री ओकामोटो की जगह ली हैं | भारतीय मूल का कोई व्यक्ति पहली बार आईएमएफ में इस पद पर पहुंचा है |
गीता गोपीनाथ इससे पहले आईएमफ को छोड़ना चाहती थीं | वह जनवरी 2022 में वापस हार्वर्ड विश्वविद्यालय जाकर फिर से पढ़ाने की योजना बना रहीं थीं, लेकिन अब वह आईएमएफ में ही अपनी सेवाएं देंगी |
इसके अलावा गीता गोपीनाथ अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज और इकोनोमेट्रिक सोसाइटी की निर्वाचित और अधिकार समूह की सदस्य भी हैं |
वह फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क के आर्थिक सलाहकार पैनल की सदस्य और बोस्टन के फेडरल रिजर्व बैंक में विजिटिंग स्कॉलर भी रहीं |
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व्यक्तिगत जीवन
गीता गोपीनाथ को खेलों में बेहद दिलचस्पी है | उन्होंने गिटार बजाना सीखा है |
पोस्टग्रेजुएशन के दौरान उनकी मुलाकात इकबाल सिंह धालीवाल से हुई | उस दौरान दोनो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे |
गीता गोपीनाथ यूपीएससी की परीक्षा पास करने में असफल रहीं, लेकिन इकबाल सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईएएस बन कर तमिलनाडु कैडर में तैनात हुए |
इकबाल सिंह धालीवाल 1995 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम रैंक धारक थे | उन्होंने IAS बनने के बाद 4 साल तक देश की सेवा की, लेकिन फिर उन्होंने IAS की नौकरी छोड़ दी |
दोनों ने 1999 में शादी कर ली | उनके पति इकबाल सिंह धालीवाल जे-पाल (J-PAL) के वैश्विक कार्यकारी निदेशक हैं |
इस दंपति का एक बेटा है जिसका नाम राहिल है |
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पुरस्कार और सम्मान
- फाइनेंशियल टाइम्स ने गीता गोपीनाथ को साल 2021 में, विश्व की 25 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में नामित किया |
- इंटरनेशनल इकोनॉमिक एसोसिएशन ने उन्हें शुम्पीटर-हैबरलर विशिष्ट फेलो नामित किया |
- कृषि और एप्लाइड इकोनॉमिक्स एसोसिएशन ने उन्हें जॉन केनेथ गैलब्रेथ पुरस्कार से सम्मानित किया |
- कार्नेगी कॉरपोरेशन ने उन्हें ‘महान (अमेरिकी) आप्रवासियों’ में नामित किया हैं |
- उन्हें ब्लूमबर्ग द्वारा ’50 लोगों ने 2019 को परिभाषित किया’ शामिल किया, विदेश नीति द्वारा एक ‘शीर्ष वैश्विक विचारक’ और टाइम मैगज़ीन द्वारा ‘प्रथम बनने के लिए प्रमुख बाधाओं को तोड़ने वाली महिलाओं’ में भी नामित किया गया था |
- आईएमएफ ने उन्हें साल 2014 में 45 साल की आयुवर्ग में ‘शीर्ष 25 अर्थशास्त्रियों’ में से एक के तौर अपनी सूची में उनका नाम शामिल किया था |
- उन्हें साल 2012 में फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा ’25 इंडियंस टू वॉच’ में से एक के रूप में चुना गया था |
- उन्हें वर्ष 2011 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा एक ‘यंग ग्लोबल लीडर’ के रूप में चुना गया था |
- 2020 में, गीता गोपीनाथ वोग फैशन पत्रिका के कवर पेज पर दिखाई दीं थी और उन्हें ‘वर्ष की महिला’ का सम्मान दिया गया |
- साल 2011 में, उन्हें विश्व आर्थिक मंच द्वारा एक युवा वैश्विक नेता के रूप में चुना गया था |
- सार 2017 में, उन्हें वाशिंगटन विश्वविद्यालय से विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार मिला |
- साल 2018 में, उन्हें अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज और द इकोनोमेट्रिक सोसाइटी का फेलो चुना गया |
- अक्टूबर 2018 में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने गीता गोपीनाथ को आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के आर्थिक सलाहकार और निदेशक के रूप में नियुक्त किया |
- साल 2019 में गीता गोपीनाथ को विदेश नीति में शीर्ष वैश्विक विचारकों में से एक नामित किया गया था |
- साल 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया है |
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कैसी लगी आपको भारतीय मूल की अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ की कहानी? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें |
jagdisha गीता गोपीनाथ आप हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो स्वयं को कमतर समझती है | हम आपके स्वस्थ जीवन की कामना करते है | आप भविष्य में कई ओर मील के पत्थर स्थापित करें |
इच्छाशक्ति और लगन के बल से हर कठिनाई अपना दम तोड़ने लगती, बस शर्त है कि आप निरंतर प्रयत्नशील रहे और हमेशा सीखते रहे | ज्ञानबल सभी प्रकार के बलो में सबसे शक्तिशाली होता है |
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