what is pcos

क्या आप अनियमित पीरियड से परेशान हैं? बार-बार प्रयास करने के बाद भी नही हो पा रही गर्भवती या हो जाता है गर्भपात? चेहरे पर उगते है अनचाहे बाल?

कही आप पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से तो नही है पीड़ित?

PCOS एक गंभीर हार्मोनल समस्या है जिसकी वजह मेटाबॉलिक और प्रजनन संबंधी समस्याएं आती है | इसे पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) भी कहा जाता है | पीसीओएस समस्या कई महिलाओं और लड़कियों में पाई जाती है लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते है |

पीसीओएस की समस्या जीवन शैली, खान-पान से जुड़ी आदतों, तनाव और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण भी हो सकती है |

समस्या अगर महिलाओं की है तो उन्हें तो आवश्य ही इसके बारे में जानना चाहिए | अब अपने शरीर का ध्यान तो हमें ही रखना होगा | कोई भी व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ तभी माना जाता है, जब वह शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनो रूप से स्वस्थ हो | फिर शारीरिक समस्याओं को टालते रहना तो मूर्खता ही होगी | खासकर महिलाएं, जो परिवार के सदस्यों का ध्यान तो बखूबी रखती है बस खुद की समस्याओं की ओर ज्यादा ध्यान नही देतीं |

 

यह भी पढ़ेंमासिक धर्म (पीरियड) चक्र प्रक्रिया क्या है?

पीसीओएस की समस्या महिलाओं में काफी तेजी से बढ़ रही है | नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ ऐंड रिसर्च के अनुसार देश में करीब 10% महिला आबादी पीसीओएस की समस्या से जूझ रही है | इसके कारण हॉर्मोन अव्यवस्थित हो जाते है जिसके कारण चेहरे पर मुंहासे और शरीर के दूसरे अंगों पर घने बाल उगने लगते हैं | साथ ही अनियमित पीरियड और प्रजनन संबंधित समस्याएं बढ़ती है |

PCOS क्या होता है?

पीसीओएस असंतुलित हार्मोन की एक समस्या है जो महिलाओं को उनके प्रसव के वर्षों  यानी 15 से 44 वर्ष की उम्र के दौरान प्रभावित करता है |

पीसीओएस एक महिला के अंडाशय को प्रभावित करता है, जो कि एक प्रजनन अंग है | जो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करते हैं | यह हार्मोन पीरियड चक्र को नियंत्रित करते हैं | अंडाशय एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन की एक छोटी मात्रा का उत्पादन भी करते हैं |

आपको पहले समझना होगा अंडाशय ही हर महिने एक परिपक्व अंडे को छोड़ते हैं | हर महीने एक अंडे का निकलना ओव्यूलेशन कहलाता है | FSH और LH हार्मोन, जो पिट्यूटरी ग्रंथि में उत्पन्न होते हैं, ओव्यूलेशन को नियंत्रित करते हैं |

FHS अंडाशय को एक कूप बनाने के लिए उत्तेजित करता है – एक थैली जिसमें एक अंडा होता है | और फिर LH एक परिपक्व अंडे को छोड़ने के लिए अंडाशय को संकेत करता है | 

पीसीओएस एक सिंड्रोम या लक्षणों का समूह है जो अंडाशय और ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है |

जिसकी वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोन असुंतलन की स्थिति उत्पन्न होने लगती है | ऐसे में महिलाओं के शरीर में महिला हार्मोन की बजाय पुरूष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का स्तर ज्यादा बढ़ने लगता है | 

पीसीओएस अनियमित पीरियड का भी एक बड़ा कारण होता है | पीसीओएस होने पर अंडाशय में कई गांठे (सिस्ट) बनने लगती हैं | इससे पीड़ित महिलाओं में गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है | ये समस्याएं 20 से 35 साल की उम्र में ज्यादा पाई जाती है | इसके कारण महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है |

यह भी पढ़ें- अनियमित पीरियड क्या होता है? लक्षण और कारण

PCOS के लक्षण

पीसीओएस के लक्षण पहले मासिक धर्म के समय के आसपास विकसित होते हैं | कभी-कभी ये समस्या एक उम्र के बाद भी हो सकती है, जैसे उम्र के साथ वजन बढ़ने से भी यह समस्या हो सकती है | पीसीओएस के लक्षण हर महिलाओं में अलग-अलग होते हैं |

  • अनियमित पीरियड – अनियमित या लंबे समय तक दर्द के साथ पीरियड का रहना पीसीओएस का सबसे मुख्य संकेत होता है |
  • अधिक रक्तस्राव
  • अनचाहे बालो का बढ़ना – चेहरे, सीने, पेट और पीठ पर बालो का बढ़ना |
  • मोटापा
  • मुंहासे
  • तनाव
  • अनिद्रा
  • बालों का झड़ना और बालों का हलका हो जाना
  • त्वचा पर काले धब्बे पड़ना
  • सरदर्द रहना

PCOS के कारण:

पीसीओएस के सही कारण अवगत नही है | इस विषय पर पूरी दुनिया में लगातार शोध चल रहे हैं | विशेषज्ञों के अनुसार इसके कारण हो सकते है-

  • अतिरिक्त एण्ड्रोजन : अंडाशय असामान्य रूप से उच्च स्तर के एण्ड्रोजन का उत्पादन करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हिर्सुटिज़्म और मुँहासे होते हैं |
  • शरीर में अधिक इंसुलिन का बनना : इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है जिसका निर्माण अग्नाशय में होता है | हमारा आमाशय कार्बोहाइड्रेट्स को रक्त शर्करा में परिवर्तित करता है | इंसुलिन के माध्यम से यह रक्त शर्करा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है | यदि आपकी कोशिकाएं इंसुलिन की क्रिया के प्रति प्रतिरोधी हो जाती हैं, तो रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है और आपका शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन कर सकता है | अतिरिक्त इंसुलिन एण्ड्रोजन उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे ओव्यूलेशन में कठिनाई हो सकती है |
  • निम्न-श्रेणी की सूजन : शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं पर्याप्त पदार्थों का उत्पादन करने में असमर्थ होती हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं | जिन महिलाओं में निम्न-श्रेणी की सूजन होती है, उनमें एंड्रोजन के उत्पादन की संख्या बढ़ जाती है |
  • पॉलिसिस्टिक ओवरी : इस स्थिति में ओवरी यानी अंडाशय बढ़ने लगते हैं जिसके वजह से अंडे के चारों तरफ फॉलिकल की संख्या बढ़ने लगती है और ओवरी सही से काम नहीं कर पाती है | जो महिलाएं मोटी होती है, उनमें ये समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है |
  • अनुवाशिंक
 

PCOS के कारण समस्याएं:

  • गर्भधारण करने में समस्या |
  • गर्भपात और प्रीमैच्योर बर्थ जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है |
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • स्ट्रोक
  • डायबिटीज
  • नॉन एल्कोहॉलिक स्टेएटो हेपेटाइटिस : यकृत संबंधी बीमारी
  • डायबिटीज टाइप-2
  • हृदय संबंधी बीमारी
  • गर्भाशय का कैंसर
  • डिप्रेशन

PCOS से बचने के उपाय:

आप अपने दैनिक जीवन और खान पान में कुछ परिवर्तन कर पीसीओएस की समस्या से बचाव कर सकती है |

  • नियमित रूप से एक्सरसाइज या योगा करे
  • पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करे
  • कैफिन युक्त पदार्थों का सेवन कम करे
  • सिगरेट और शराब का सेवन न करे
  • भरपूर पानी पिये
  • अधिक शर्करा और तले हुए भोजन का सेवन कम करे

हमारा उद्देश्य आपको सही जानकारी देकर आपको स्वस्थ्य के प्रति जागरूक करना है | किसी भी प्रकार की समस्या या ऊपर बताएँ गये लक्षण होने पर आप डॉक्टर या स्त्री विशेषज्ञ से संपर्क करे और उन से उचित जानकारी प्राप्त करे |

Jagdisha के साथ अपनी राय अवश्य सांझा करे |

 

 

अन्य पढ़ें

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *