Irregular Periods

पीरियड को मासिक धर्म, माहवारी, रजोधर्म, मेंस्ट्रुअल साइकिल या एमसी नामो से भी जाना जाता है |

महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोन में बदलावो के कारण हर महिने गर्भाशय से होने वाले रक्त स्त्राव को पीरियड कहते हैं | पहला पीरियड हर लड़की को एक ही उम्र में नहीं होता | लड़कियों को यह 8 से 17 वर्ष तक ही उम्र में हो सकता हैं | सामान्य तौर पर 11 से 13 वर्ष की उम्र में लड़कियों के पीरियड शुरू हो जाते है |

पीरियड महीने में एक बार आता है | यह चक्र सामान्य तौर पर 21 से 35 दिनों का होता है | जिन लड़कियों के पीरियड की अभी शुरूआत ही है, उनके पीरियड चक्र की लंबाई 40 दिनों की भी हो सकती है | जो सामान्य है | 

 

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यदि किसी महिला का पीरियड चक्र 21 दिनों से छोटा और 35 दिनों से लंबा है या फिर पीरियड चक्र की लंबाई हर महिने बढ़ती घटती रहती है तो, उसे अनियमित पीरियड कहा जाता है |

पीरियड चक्र की लंबाई का बढ़ना या घटना सामान्य है यदि आप यौवनावस्था से गुजर रही है, स्तनपान करा रही है या फिर रजोनिवृत्ति का समय आ गया हो |

आपके नियमित पीरियड के लिए जिम्मेदार मुख्य हार्मोन एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन होते है | जब किसी कारण से इन  हार्मोन के बढ़ने या घटने के तरिके को बाधित किया जाए या बदलाव आ जाए तो यह अनियमित पीरियड का कारण हो सकता है |

कई कारण है जो आपके अनियमित पीरियड का कारण हो सकते है जैसे अत्यधिक तनाव, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति |

आप खान-पान और दैनिक जीवन में कुछ परिवर्तन कर अपने पीरियड को नियमित कर सकती है |

  • पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन करे |
  • अल्कोहल और कैफिन युक्त पेय पदार्थों का सेवन अधिक न करे | पीरियड के दौरान ठंडे पदार्थों के सेवन से बचे |
  • कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज रोज करे | योगा और प्राणायाम करें |
  • अधिक नमक और मीठे का सेवन भी कम करें |

अनियमित पीरियड के कारण:

  • आहार में पोषण की कमी
  • थायरॉइड
  • तनाव
  • अचानक वजन के बढ़ने या घटने के कारण
  • अधिक एक्सरसाइज करना
  • गर्भनिरोधक दवाइयों का असर

अनियमित पीरियड के लक्षण:

  • गर्भाशय में दर्द होना |
  • भूख कम लगना |
  • स्तन, पेट, सिर, हाथ-पैर और कमर में दर्द होना |
  • अधिक थकान, कब्ज और दस्त होना |
  • गर्भाशय में ब्लड क्लॉट्स का बनना |
  • ओवरी में सिस्ट (पीसीओएस (PCOS) पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) अनियमित मासिक धर्म का एक बड़ा कारण है |

यदि पीरियड दो-तीन महीने लगातार न आए, तो बिना देर किए अच्छे डॉक्टर या गायनकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए | पीरियड में अनियमितता होने से शरीर में कई अन्य विकार भी उत्पन्न हो जाते हैं |

 

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अनियमित पीरियड के प्राकृतिक हार्मोनल परिवर्तन 

यौवनावस्था : इस दौरान शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं | पीरियड को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को एक नियमित रूप से क्रमबद्ध होने में कई साल लग सकते हैं | इस दौरान अनियमित पीरियड का होना आम बात है |

ओलिगोमेनोरिया : बच्चे के जन्म के बाद और स्तनपान कराते समय भी अनियमित पीरियड हो सकते है, जब तक कि बच्चा होने के बाद हार्मोन सामान्य नहीं हो जाते |

स्तनपान : विशेष रूप से बार-बार स्तनपान, ओव्यूलेशन को दबा सकता है, जिससे किसी महिला के पीरियड रुक ​​सकते है | डॉक्टर की भाषा में इसे लैक्टेशनल एमेनोरिया कहते हैं |

परिमेनोपॉज : इस दौरान भी पीरियड अनियमित हो जाते हैं, जो मेनोपॉज का पहला चरण होता है | इस दौरान हार्मोन का स्तर गिरने लगता है |

गर्भपात : गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह से पहले भ्रूण नष्ट हो जाने को गर्भपात कहते है | जिसके बाद, आपको फिर से नियमित पीरियड शुरू होने में कुछ महीने लग सकते हैं |

डॉक्टर या गायनकोलॉजिस्ट से राय की अवश्यकता कब अधिक होती है ?

यदि आपके पीरियड हमेशा थोड़े अनियमित रहते हैं या आप युवावस्था से गुजर रही हैं, तो आपको चिकित्सकीय सलाह लेने की आवश्यकता नहीं है | लेकिन अगर आपको कोई संदेह है या किसी समस्या को झेलना पड़ रहा या यू कहू कि पीरियड के समय अत्यधिक दर्द से गुजरना पड़ रहा हो तो आप डॉक्टर की राय ले सकती है |

  • यदि आपकी उम्र 45 से कम है और आपके पीरियड अचानक अनियमित हो जाए |
  • अगर आपको 7 या 8 दिनों से अधिक दिनों तक रक्तस्राव होता है |
  • यदि आपके दो पीरियड चक्र के बीच 20 दिनों से अधिक समय का अंतराल आ रहा है |
  • आपके पीरियड अनियमित है और आप गर्भवती होने में असफल हो रही है |

 

हमारा उद्देश्य आपको जानकारी देना है, किसी भी असुविधा और समस्या के लिए डॉक्टर या गायनकोलॉजिस्ट से संपर्क करे | वो आपकी सही सहायता कर सकते हैं |

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