क्या हर समय रहती है थकान और सुस्ती, क्या ये किसी बिमारी का लक्षण तो नही?

क्या हर समय रहती है थकान और सुस्ती, क्या ये किसी बिमारी का लक्षण तो नही?

थकान किसे नही होती | अब काम करेगे तो थकेगे भी | आराम करने और नींद लेने के बाद फिर से हम सक्रिय हो जाते है | 

लेकिन अगर आराम करने और नींद लेने के बाद भी थकावट महसूस हो | कोई भी काम करने से पहले ही थकावट लग रही हो | शरीर हमेशा थका – थका ही महसूस करे और इस समस्या से जूझते हुए आपको महीनों हो गये |

आप सोच रहे होगे किसी आलसी या कामचोर व्यक्ति की बात हो रही है | हाँ, काम से जी चुराने वाले लोग थकावट का बहाना बना सकते है | लेकिन हम आलसी या कामचोर लोगों की बात नही कर रहे |

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) (CFS) या मायलजिक इंसेफेलाइटिस (Myalgic Encephalomyelitis) या सिस्टेमिक एक्सर्टियन इन्टॉलरेंस डिजीज (Systemic Exertion Intolerance Disease) (SEID) कई प्रकार से कमजोरी पैदा करने वाले विकार है | जबकि, कुछ मामलों में सीएफएस (CFS) संक्रमण की समस्या से भी संबंधित हो सकता है |

सीएफएस विकार के कारण बहुत ज्यादा थकान रहती है | इसमें शारीरिक या मानसिक गतिविधि करने पर थकान और ज्यादा बढ़ जाती है, लेकिन आराम करने पर भी स्थिति में सुधार नहीं आता है |

इस बीमारी से कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में ग्रसित हो सकता है, इसमें बच्चे और किशोर भी शामिल हैं | लेकिन पुरूषों की तुलना में महिलाओं को यह विकार अधिक प्रभावित करता है | महिलाओं में यह 20 से 40 की उम्र में विकसित होता है |

अधिकतर यह 40 और 50 वर्ष की उम्र में महिलाओं में सामान्य है | इसके अधिकतर मामले मध्यम या कम गंभीर होते हैं | इससे ग्रसित लगभग 4 में से 1 व्यक्ति में गंभीर लक्षण होते हैं |

अत्यधिक थकान और अन्य शारीरिक लक्षण दैनिक कार्यों को करना भी मुश्किल बना सकते हैं |

सीएफएस का गंभीर रूप होने पर आप बिस्तर पकड़ सकते हैं | और आसपास जाने के लिए व्हीलचेयर की आवश्यकता हो सकती है | आपको ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है | साथ ही शोर और प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं|

अगर आपको 6 महीने से लगातार थकावट महसूस हो रही है और आराम करने पर भी कोई लाभ नही होता तो किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श ले |

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण

  • बेवजय की थकान
  • भरपूर नींद लेने के बाद भी थका हुआ महसूस करना
  • नींद की कमी या कच्ची नींद
  • फ्लू जैसे लक्षण
  • दिल की धड़कने बढ़ जाना और मितली आना
  • आंखो में दर्द या देखने में धुंधलापन
  • हाथ-पैर में जलन होना
  • चिड़चिड़ापन, पैनिक अटैक
  • लेटे रहना या खड़े होने पर चक्कर आना
  • लगातार सिरदर्द की समस्या होना
  • कमजोर याददाश्त या एकाग्रता में कमी
  • गले में खराश रहना
  • लिम्फ नोड्स की समस्या होना
  • मांसपेशियों में दर्द महसूस करना
  • बिना सूजन के जोड़ों में दर्द महसूस करना
  • चक्कर आना या बीमार महसूस करना
  • एक्सरसाइज करने के 24 घंटे से अधिक समय बाद भी थकान महसूस होना
  • बिना किसी शारीरिक कार्य के भी पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से बहुत अधिक शारीरिक थकान महसूस होना

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के कारण  

इस बीमारी के सटीक कारण के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसे लेकर कई सिद्धांत मौजूद हैं | कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कई कारकों के संयोजन की वजह से यह सिंड्रोम उत्पन्न होता है |

दूसरी ओर, कुछ डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा तनाव, वायरल संक्रमण या कई कारकों के संयोजन की वजह से हो सकता है |

हालांकि, इस बीमारी में किसी एक कारण की पहचान नहीं हो पाई है और कई अन्य स्थितियों में भी इसी के समान लक्षण दिखते हैं इसलिए सीएफएस का निदान करना मुश्किल हो सकता है |

शोधकर्ताओं का मानना है कि इसमें निम्न कारक शामिल हो सकते हैं:

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली 
  • लॉ ब्लड प्रेशर
  • वायरस-बैक्टीरिया के संक्रमण से
  • जीवाणु संक्रमण जैसे निमोनिया
  • तनाव
  • हार्मोनल असंतुलन
  • अनुवांशिक रूप से

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के उपचार

इस बीमारी के लिए अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है | कुछ स्थितियों में आपको डॉक्टर ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के सेवन की भी सलाह दे सकते हैं, जो आपको मौजूदा लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं |

इस रोग से होने वाली परेशानियां जैसे नींद आने में परेशानी, तनाव, और दर्द को दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है |

घरेलू उपचार

  • एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें
  • नींद आने पर ही सोने के लिए जाए
  • विटामिन डी के लिए सूर्य की रोशनी ले
  • चाय-कॉफी का सेवन कम करें
  • शराब और सिगरेट का सेवन न करें
  • संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करें
  • अधिक शर्करा का सेवन न करे, मीठा कम खायें
  • खाने में फलियां, हरी सब्जी, साबुत अनाज, और मेवे ले
 
किसी भी समस्या के उचित समाधान के लिए डॉक्टर से परामर्श ले |

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