इस बात में कोई संशय ही नही है कि हर कोई अच्छा दिखना चाहता है| सुंदरता और फैशन की होड तो ऐसी है कि छुडाएं न छूटे| बस हर किसी को सुंदर दिखना है| महिलाएं अपने बालो, त्वचा और सुडौल फिगर का बहुत ध्यान रखती हैं| इस बात से तो आप इनकार नही कर सकते कि एक महिला के लिए उसके ब्रेस्ट यानि कि स्तन, उनके शरीर के आकर्षण का केंद्र होते हैं| हर महिला सुडौल और आकर्षक ब्रेस्ट चाहती हैं| इसलिए अधिकतर महिलाएं ब्रेस्ट की देखभाल को लेकर सजग भी रहती हैं|
ऐसे में ये सवाल तो, आएगा ही कि क्यों भला एक ब्रेस्ट थोडा छोटा और दूसरा बडा है?
आप इस बात से अवगत है ही कि बच्चे के जन्म के बाद एक महिला के ब्रेस्ट मे दूध उत्पादन होना शुरू होता है| इस क्रिया के लिए महिलाओं में ब्रेस्ट ग्रंथियां होती हैं, जो शिशु को स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग करवाने के लिए दूध का उत्पादन करती हैं| ये ग्रंथियां युवावस्था में बढ़ती और विकसित होती हैं| ब्रेस्ट एक महिला के शरीर के कुल वजन का 4-6% भाग है| सतही तौर पर स्तन क्षेत्र में 3 प्रमुख भाग होते हैं: स्तन, निप्पल और निप्पल के बाहर का गोलाकार क्षेत्र एरिओला| ब्रेस्ट में मांसपेशियां नहीं होती हैं| केवल एक तरह का लिगामेंट इसे बांधे रखता है, जिसको कूपरलिगामेंट कहते हैं|
ये आपने जानी ब्रेस्ट की बनावट तो याद रखे ब्रेस्ट का आकार और उनकी बनावट एक प्राकृतिक प्रक्रिया है| लेकिन क्या आप जानती है, आपका एक ब्रेस्ट दूसरे ब्रेस्ट से समान न होकर छोटा-बडा हो सकता है| और एक ब्रेस्ट का दूसरे से थोडा असमान होना किसी भी चिंता की बात नही है, ये सामान्य बात है| 80% महिलाओं के ब्रेस्ट असमान आकार के ही होते है|
चलिए अब जानते है इसके कारण
किशोरावस्था मे यौवनारंभ के समय जब शरीर के अंदर हॉर्मोनल बदलाव होने शुरू होते हैं तब ब्रेस्ट के आकार में बदलाव होना एक सामान्य प्रक्रिया है| इस बदलाव के समय एक ब्रेस्ट का दूसरे ब्रेस्ट से पहले बढ़ना शुरू हो सकता हैं, हालांकि, वे एक ही समय में बढ़ना बंद कर सकते हैं| कभी-कभी, ये अमानता न के बराबर होती है| लेकिन कई बार इस अंतर को स्पष्ट तौर पर महसूस किया जा सकता है|
कभी-कभी आनुवांशिकता के कारण ब्रेस्ट का आकार एक दूसरे से अलग हो सकता है| क्योंकि जिन्स त्वचा के लचीलेपन को बनाये रखने में मदद करने के साथ लिगामेंट को सख्त करता है|
स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माताओं में ज्यादातर ब्रेस्ट की असमानता की स्थिति देखने को मिलती है| ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे कभी-कभी अपने बच्चे को सिर्फ एक ब्रेस्ट से दूध पिलाती हैं| यह उनके ब्रेस्ट के आकार में अंतर पैदा कर सकता है| दूध पिलाने वाली माताओं को अपने दोनों स्तनों को सुडौल बनाए रखने के लिए बच्चे को दोनों स्तनों से दूध पिलाना चाहिए|
ब्रेस्ट मे गांठ या लंप्स के कारण भी ब्रेस्ट का आकार एक दूसरे से अलग हो सकता है| ये आवश्यक नही है कि ब्रेस्ट में लंप्स होना ब्रेस्ट कैंसर हो| हाँ यह ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है लेकिन अधिकतर नॉन कैंसर की स्थिती होती है| ब्रेस्ट में चोट लगने के कारण या फाइब्रोसाइट ब्रेस्ट के कारण ये सूजा हुआ नजर आने लगता है| यह खतरनाक नहीं होता है लेकिन ब्रेस्ट में दर्द होने पर इसको नजरअंदाज बिल्कुल न करें|
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