अपनी बेटीओं के लिए गुणवत्ता वाले शिशु देखभाल उत्पादों की खोज मे अंततः स्वयं का Startup launch किया, जो अब अपने चौथे वर्ष में 100 crore रुपये के turnover को छूने के लिए तैयार है।

अपनी बेटीओं के लिए गुणवत्ता वाले शिशु देखभाल उत्पादों की खोज मे अंततः स्वयं का Startup launch किया, जो अब अपने चौथे वर्ष में 100 crore रुपये के turnover को छूने के लिए तैयार है।

मलिका दत्त सदानी : अपनी बेटीओं के लिए गुणवत्ता वाले शिशु देखभाल उत्पादों की खोज मे अंततः स्वयं का स्टार्टअप लॉन्च किया, जो अब अपने चौथे वर्ष में 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर को छूने के लिए तैयार है।

एक बैंकर जो अब हैं एंटरप्रेन्योर, मलिका सदानी द मॉम्स को. कंपनी की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी| जो प्रसव से पहले और प्रसव के बाद देखभाल करने वाले सचेत उपभोक्ताओं के लिए विषाक्त-मुक्त, प्राकृतिक और प्रभावी उत्पादों के लिए एक प्रमुख घरेलू ब्रांड है। द मॉम्स को. कंपनी के रूप मे, मलिका सदानी ने भारत में माताओं की मदद करने के लिए एक मिशन शुरू किया है और दुनिया भर के लोगों और उनके प्रियजनों के लिए सुरक्षित, प्राकृतिक और प्रभावी विकल्प बनाती है। उनकी टीम दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ काम करती है और भले ही यह एक देशी ब्रांड हो, द मॉम्स को.( The Moms Co.) कंपनी के तहत सभी उत्पादों में ऑस्ट्रेलियाई प्रमाणपत्र हैं।
मलिका दत्त सदानी के सपने की शुरुआत जून 2016 में हुई थी जब उन्होंने 15 लाख रुपये सें अपने बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप अमीशी कंज्यूमर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को लॉन्च किया था| और बाजार में एंटी-स्ट्रेच मार्क्स क्रीम, ब्रेस्ट फीडिंग (स्तनपान), मॉर्निंग सिकनेस और चेहरे और बालों की देखभाल करने वाले उत्पादों के साथ द मॉम्स को. ब्रांड नाम के तहत बाजार में कदम रखा था। द मॉम्स को. ब्रांड मार्च 2017 में लॉन्च किया गया था| कंपनी का पहले साल का टर्नओवर 2 लाख रुपये, जो अगले साल 24 लाख रुपये हो गया और फिर सालाना 3 गुना की दर से बढ़ने लगा। आज, द मॉम्स को. 31 उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है जिसमें स्किनकेयर उत्पाद शामिल हैं जो नवजात शिशुओं और माताओं के लिए हैं।
एक आर्मी सैनिक की बेटी होने के नाते, वह देश के कई राज्यों में रहीं। इसलिए उन्होंने देश की अलग-अलग संस्कृतियों को भी पहचाना| उन्होंने सोफिया स्कूल, कोटा, राजस्थान से 12वीं कक्षा की शिक्षा प्राप्त की और फिर पुणे सें इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यह पहली बार था जब वह परिवार से अलग अकेले रही। अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वें दिल्ली के सीएमएस कंप्यूटर में एक केंद्र प्रबंधक के रूप में शामिल हो गईं जहां उन्हें लोगों को उस केन्द्र से जुडने के लिए सहमत करना होता था। एक साल बाद, उन्होंने मुंबई के वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए करने का फैसला किया। एमबीए के बाद वह आईसीआईसीआई(ICICI) बैंक में सहायक प्रबंधक के रूप में कार्यरत हुईं।
2008 में उन्होंने मोहित सदानी से शादी की जिन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए की पढा़ई की थी, और जो मैकिन्से में सलाहकार के रूप में काम करते थे। दिसंबर 2010 मे मलिका दत्त सदानी डेढ़ साल बाद उनके पति मोहित को मैकिन्से लंदन में नौकरी मिलने के कारण लंदन चली गयी| तब वह तीन महीने की गर्भवती थी| 2012 में वें अपनी एक साल की बेटी मायरा के साथ भारत लौट आए जहॉ मलिका को लंदन में इस्तेमाल होने वाले बेबी केयर उत्पादों की याद आ गई। उनके पति अपनी हर विदेश यात्रा के दौरान मायरा के लिए सभी जरुरी चीजों को ले कर आते थे और बीच-बीच मे जो मित्र विदेश से लौटते उनसे बेबी केयर प्रोडक्ट्स जैसे मॉइस्चराइजिंग लोशन, डायपर और वाइप्स वहॉ से खरीदने का अनुरोध करते| लेकिन यह सब थकाऊ लगने पर उन्हें भारतीय ब्रांडों की ओर जाना पडा|
जब वह दोबारा गर्भवती हुई, उनकी बेटी मायरा को एक्जिमा डर्माटाइटिस रोग का पता चला था और बाल रोग विशेषज्ञ ने एक लोशन का उपयोग बंद करने की सलाह दी थी, जो इस स्थिति का कारण बना था। एक छोटे से बदलाव ने उनकी बच्ची के लिए इतनी पीड़ा पैदा कर दी थी। उन्हें दोस्तों को फिर से मायरा के लिए उत्पादों को खरीदने का अनुरोध करना पड़ा क्योंकि उनके पति मोहित अब अक्सर विदेश यात्रा पर नही जा रहे थे। मलिका सदानी की दूसरी बेटी सायना का जन्म अस्थमा के साथ हुआ था। इसलिए वें सुगंध, एलर्जी उत्पाद जो अस्थमा के लिए उत्प्रेरक बन सकते थें का उपयोग नहीं कर सकते थे| इस समय के दौरान मलिका सदानी ने विभिन्न फेसबुक समूहों से परामर्श किया और बच्चों के लिए कई प्राकृतिक उत्पादों की खोज की| एक महत्वपूर्ण चीज जो एक सोशल मीडिया ग्रुप में अन्य माताओं के साथ बातचीत करते समय उनके सामने आई, वह थी नई माताओं की जरूरत के लिए स्किनकेयर विकल्पों की कमी। और इस तरह उन्होंने द मॉम्स को. कंपनी को स्थापित करने का निश्चय किया।
सदानी ने अगले दो साल निर्माताओं और निवेशकों से मिलकर इसे वास्तविकता में बदलने के लिए बिताए। उन्होने उन आपूर्तिकर्ताओं की तलाश की जो विषाक्त पदार्थों से मुक्त और वैश्विक सुरक्षा मानकों के अनुरूप उन सामग्रियों को खोजने में उनकी मदद कर सकते थे|
मलिका दत्त सदानी ने अपने पति मोहित सदानी के साथ अमीशी कंज्यूमर टेक्नोलॉजीज (Amishi Consumer Technologies) को जून 2016 में स्थापित कर ब्रांड द मॉम्स को. (The Moms Co.) मार्च 2017 में लॉन्च किया। शुरू में उन्हें ऐंजल इंवेसटरस (Angel Investors) से 1 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और उन्होंने अपनी उद्यमिता की यात्रा शुरू की|
स्थापक मलिका सदानी, मोहित सदानी और सिर्फ एक कर्मचारी, एक वैज्ञानिक जिसका विष मुक्त उत्पादों को विकसित करने के पीछे मस्तिष्क था के साथ कंपनी की शुरुआत हुई| द मॉम्स को. उत्पादों का निर्माण करते हैं और एक तीसरा पक्ष उपभोक्ताओं के लिए पैकेज्ड उत्पादों का निर्माण करते है, जिन्हें फिर मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और गुरुग्राम के चार गोदामों में भेजा जाता है।
हर उत्पाद की गुणवत्ता के लिए पूरी तरह से जांच की जाती है। मलिका सदानी के अनुसार उनका परिवार भी उनके उत्पादों का उपयोग करता है, क्योंकि वह कुछ भी नहीं बल्कि सबसे अच्छे पर विश्वास करते हैं।
द मॉम्स को. कंपनी में, उत्पादों को विषाक्त पदार्थों से मुक्त और समझौता किए बिना बनाया जाता है। उत्पादों को तैयार कर यह सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण किया जाता है कि वे अमेरिका, कनाडा, यूरोप, जापान और ऑस्ट्रेलिया में – हर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानक को पूरा करते हैं। टीम दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ काम करती है, और आज यह भारत का पहला ऑस्ट्रेलियाई प्रमाणित टॉक्सिन-फ्री ब्रांड है, जिसमे सुरक्षित प्रसाधन सामग्री ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रमाणित है – एक विष मुक्त अभियान। ऑस्ट्रेलिया एलर्जी प्रमाणित और डर्मेटोलॉजिकल परीक्षण के साथ सुरक्षित उत्पाद विभिन्नता|
आज द मॉम्स को. के लिए गुरुग्राम के हेड क्वार्टर में 54 कर्मचारी काम करते हैं। सितंबर, 2017 में, कंपनी ने डीएसजी कंज्यूमर (DSG Consumer) और सैमा कैपिटल (Saama Capital) के सह-नेतृत्व सीरीज ए फंड में 1 मिलियन अमरीकी डालर (6.5 करोड़ रुपये) जुटाए। सितंबर 2020 में, कंपनी ने सीरीज बी फंडिंग में Saama Capital और DSG Consumer पार्टनर्स से 8 मिलियन डॉलर जुटाए।
“जब हम ऐसे लक्ष्य से प्रेरित होते हैं जिनका गहरा अर्थ हो, ऐसे सपनो से प्रेरित होते हैं जिनके पूर्ण होने की चाहत हो, और ऐसे प्रेम से प्रेरित होते हैं जिसको व्यक्त करने की ज़रुरत हो तो हम वाकई में ज़िन्दगी जीते हैं|”
“हर चीज का सृजन दो बार होता है, पहली बार दिमाग में दूसरी बार वास्तविकता में|”
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