कोलेरेडो के स्टेम स्कूल हाईलैंड्स रेंच स्कूल की छात्रा राव ने युवा वैज्ञानिकों के सामने मिसाल कायम की है और वह उनके लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हैं। एक 15 वर्षीय कोलेरेडो हाई स्कूल की छात्रा और युवा वैज्ञानिक जिन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर दूषित पेयजल, साइबरबुलिंग, नशीले पदार्थ की लत और अन्य सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए ऐप बनाए हैं| उन्हें टाइम पत्रिका में “किड ऑफ द ईयर 2020” के खिताब से सम्मानित किया गया |
टाइम मैगजीन ने पहली बार किड ऑफ द ईयर के लिए नॉमिनेशन मांगे थे| इसके लिए करीब 5 हजार नॉमिनीज को चुना गया था, जिनमें से गीतांजलि ने पहला स्थान हासिल किया और टाइम मैगजीन के कवर पेज पर छा गई| गीतांजलि ने साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपनी शानदार रिसर्च के दम पर हजारों बच्चों को पछाड़कर ये अवॉर्ड अपने नाम कर लिया। गीतांजलि को ये अवॉर्ड दूषित पेयजल और साइबर बुलिंग के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के बेहतरीन इस्तेमाल के लिए दिया गया है। गीतांजलि ने हाल ही में अमेरिका का टॉप यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी अपने नाम किया था |
अमेरिका के कोलेरेडो की निवासी, गीतांजलि राव एक वैज्ञानिक हैं, जो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आनुवंशिकी और महामारी विज्ञान का अध्ययन करती हैं। उन्होंने 2017 में डिस्कवरी एजुकेशन 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज जीता और अपने नवोत्थान के लिए फोर्ब्स 30 यू 30 के रूप में भी मान्यता दी गई। सितंबर 2018 में, गीतांजलि राव को संयुक्त राज्य पर्यावरण संरक्षण एजेंसी द्वारा राष्ट्रपति पर्यावरण युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गीतांजलि को ईपीए प्रेजिडेंशियल अवॉर्ड, जॉर्ज स्टेफेनसन इनोवेशन अवॉर्ड 2020, कुमॉन 2019 स्टूडेंट इंसपाइरेशनल अवॉर्, टीसीएस इग्नाइट इनोवेशन टॉप हेल्थ पिलर अवॉर्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
गीतांजलि ने 2017 महज 11 वर्ष की आयु मे डिस्कवरी एजुकेशन 3M यंग साइंटिस्ट चैलेंज द्वारा पानी में सीसा(Lead) प्रदूषण पता करने का तरीका विकसित कर अमेरिका की ‘टॉप यंग साइंटिस्ट’ होने का अवॉर्ड जीत लिया था| । गीतांजलि की ये खोज अमेरिका के मिशिगन प्रांत के फ्लिंट शहर में साल 2014-2015 में दूषित हुए पानी पर आधारित है।
गीतांजलि ने मोबाइल की तरह दिखने वाले डिवाइस का नाम ‘टेथिस’ रखा। डिवाइस को पानी में सिर्फ कुछ सेकेंड तक डालने के बाद बता देता है कि पानी में सीसे की मात्रा कितनी है। वह 2012 से डेविडसन यंग स्कॉलर है, और विज्ञान, कला और सामुदायिक सेवा में उपलब्धियों के लिए कई छात्रवृत्ति और पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है। वह एक सक्रिय एसटीईएम(STEM) प्रोत्साहक है और स्कूल, क्लब और समुदाय में एसटीईएम आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देती है। वह साप्ताहिक रूप से नवीनीकरण अधिवेशन आयोजित करती है और विश्व स्तर पर अपनी प्रक्रिया और उपकरणों को साझा करके 30,000 से अधिक प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालय के छात्रों को प्रभावित करती है। राव को 2016-2017 में विषैले सांप-काटने का पता लगाने वाले आविष्कार के लिए वर्ष के एसटीईएम स्काउट के रूप में चुना गया और वर्ष 2017-2018 में राष्ट्र को रिपोर्ट करने वाले 12 प्रतिनिधियों में से एक के रूप में चुना गया था| साइबर बुलिंग रोकने के लिए गीतांजलि ने काइंडली (Kindly) नाम का एक ऐप बनाया। वह एक ऐप और क्रोम एक्सटेंसन है। जो शुरुआत में ही साइबर बुलिंग को पकड़ने की क्षमता रखता है। यंग साइंटिस्ट ने नशीले पदार्थ की लत (opioid addiction) को छुड़ाने के लिए एपिऑन नाम का एक डिवाइस बनाया। राव ने कोलेरेडो विश्वविद्यालय में डेनवर के कोशिका जीवविज्ञान विभाग में , अधुनातन जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग कर नशीले पदार्थ की लत के लिए एक समाधान खोजने के लिए अनुसंधान का संचालन कर एक वर्णमिति आधारित वह ऐप और डिवाइस बनाया। इस पहल को टेक्नोवेशन चुनौती में विश्व निणार्यक और राष्ट्रीय स्तर पर TCS इग्नाइट इनोवेशन चैलेंज द्वारा स्वास्थ्य स्तंभ पुरस्कार से मान्यता प्राप्त हुई। गीतांजलि को शंघाई मीडिया समूह द्वारा जूनियर यूरेका फाइनलिस्ट के रूप में सम्मानित किया गया था, जहाँ एआई का उपयोग करके उन्होंने बुजुर्गों और बच्चों के व्यक्तित्व को समझने वाले पहले अंतर्जनपदीय देखभाल हेतु सरल समाधान बनाया और कर्मचारी वर्ग गतिविधियों को बनाने में मदद की।
गीतांजलि चिलडर्नस काइंडनेश नेटवर्क (Children’s Kindness Network) नामक एक संगठन मे निर्देशक मंडल में है जो भयभीत करने वाले संदेश की रोकधाम के लिये कार्यरत है और सभी में दया के महत्व को बढ़ावा देता है। वह 4 बार TEDx वक्ता होने के साथ-साथ विविध लड़कियों और वैश्विक सम्मेलनों की ग्रह शक्ति के रूप मे यूनीसेफ पैनलिस्ट हैं।
गीतांजलि अन्य कई हजारों बच्चों के लिए इनोवेशन वर्कशॉप चलाने के उद्देश्य से कई ग्रामीण स्कूल, म्यूजियम, साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग संगठन से जुड़ी हुई हैं।
गीतांजलि फोर्ब्स इग्नाइट नेटवर्क द्वारा एक भागीदार के रूप में चुनी गई थी, जहां वह सहानुभूति शार्क टैंक नामक एक अवधारणा का संचालन किया, जो स्टार्ट-अप और स्कूलों के लिए कर्मचारी-नियोक्ता की वचनबद्धता और कर्मचारियों के विकास में मदद करती है।
गीतांजलि ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिताओं में अपने लेखन के लिए पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने 9 साल की उम्र में अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित की, जिसका नाम था, “बेबी ब्रदर वंडर्स”। पीबीएस राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता में स्व-सचित्र पुस्तक, जिसमे राव ने अपने छोटे भाई के दृष्टिकोण के माध्यम से दुनिया का वर्णन किया के लिये द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया था| गीतांजलि ने राज्य स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय विमानन कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किये और उनकी कला नैशविले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में प्रदर्शित की गई। वह “टाइम फॉर किड्स” 2017-2018 के स्कूल सत्र मे किड रिपोर्टर थी। लेखन और कला के अलावा, गीतांजलि एसटीईएम स्काउट्स और 4-एच क्लब का हिस्सा हैं|
गीतांजलि के कुछ शौक में पियानो बजाना, भारतीय शास्त्रीय नृत्य और गायन, तैराकी, तलवारबाजी और पाककला शामिल हैं। वह स्थानीय सहायता केंद्रों में पियानो बजाने की अपनी प्रतिभा को साझा करती है और स्वयंसेवक समूह के साथ प्रदर्शन का आयोजन भी करती है।उन्हे अपने पियानो प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। राव को अपनी सामुदायिक सेवा के लिए निकोलस ग्रीन विशिष्ट पुरस्कार और कोहल की राष्ट्रीय छात्रवृत्ति मिली।
विज्ञान और तकनीक का उपयोग सामाजिक बदलावों के लिए गीतांजली ने दूसरी और तीसरी कक्षा से ही शुरू कर दिया था| उन्होंने देखा उनकी पीढ़ी कई तरह की समस्या से गुजर रही है तो उन्होंने अपना मिशन ही इन समस्याओं को सुलझाने के लिए युवा इनोवेटर्स का वैश्विक समुदाय बनाना में लगा दिया| उनका मानना है कि युवाओं को सारी समस्याएं सुलझाने के बजाए एक समस्या का मजेदार हल निकालने का प्रयास करना चाहिए.
गीतांजलि ने महज 10 वर्ष की आयु मे अपने माता-पिता से कहा था कि वह कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी पर वाटर क्वॉलिटी रिसर्च लैब में रिसर्च करना चाहती हैं। सेंसर टेक्नोलॉजी पानी में शामिल दूषित तत्वों का पता लगाने में मदद करती है।
गीतांजलि की छात्र शिक्षकों और शिक्षकों के लिए नवीनीकरण की प्रक्रिया यात्रा पर किताब 2021 में जारी की जाएगी |
दुनिया उनकी होती है जो इसे आकार देते हैं दुनिया इस समय कितना भी अनिश्चय महूसस करे, उम्मीद दिखाने वाली सच्चाई वही होती है जिससे नई पीढ़ी ऐसा और ज्याद पैदा करे जो यंग साइंटिस् ने पहले ही हासिल कर लिया है| वह है सभी तरह का सकारात्मक प्रभाव|
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